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वैसे ये बांगलादेशी भाभी अनवर के पास बुर मरवाने के लिए नहीं आई थी. अनवर की वाइफ पेट से थी, आठवा महिना. गोद भराई के दिन उसे ससुराल से बुलाने के लिए जो लेडिज की टोली आई तरही उसमे ये भाभी भी थी. सब लोग फातेहा के लिए जब दरगाह पर गए तो अनवर से आँख लगी हुई भाभी मासिक का बहाने बता के नहीं गई. और पीछे से भरी हुई मोटी भाभी ने अनवर का लंड ले ही लिया.भाभी जब खिड़की के पास खड़ी थी तभी अनवर वहां आ गया और भाभी को देख के लुंगी में लंड को पकड़ के बातें करने लगा.
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