Advertisement
Share this video
23771 views Thank you for rating this video!You have already rated this video!

मैंने मेरे देवर से शांत की मेरी भड़कती कामवासना!

पति के गैरहाजिरी में मैं देवर के साथ हो ली! हम दोनों शॉवर के निचे रोमांस करने लगे. दोनों के बदन भीग चुके थे. देवर मेरे गीले होंठों से पानी बुँदे चूस रहा था. निचे आकर वो मेरी लाल पैंटी को चूत के जगह पर चुम रहा था. मैं बोल पड़ी, "चाट ले बहनचोद सबकुछ चूस ले." मैं खुद ही खुद के बूब्स दबाने लगी थी.इस दिन का मैं कब से इंतज़ार कर रही थी. इसे मैं अब हाथ से नहीं जाने देने वाली थी. पीछे से मेरी गर्दन चूमते हुए उसने मेरी पैंटी उतार दी. मैं चाहती थी की वो ऐसा कुछ करें की मैं खुद को रोक ना पाऊं! आगे से, पीछे से, हर जगह से, हर तरफ से! जब वो मुझे चोदने लगा तब मैं बोली, "और जोर से बजा तेरी भाभी की चूत! भाभियाँ तो होते ही हैं चूसने के लिए, चोदने के लिए, ठोकने के लिए!
Show more
Advertising