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कविता भाभी बिस्तर पर मेरा इंतजार कर रही थीं। कमरे में घुसते ही वह मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी और उसने यह बैंगनी साड़ी पहन रखी थी। चूंकि उसके परिवार को कोई संदेह नहीं होना चाहिए, इसलिए उसने टीवी की मात्रा अधिक रखी। जब मैंने पास जाकर अपनी पैंट को हटाया, तो उसने मेरे लिंग को देखा।
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