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मेरे पति का तत्काल तबादला होने के कारण मुझे कुछ महीने अपने ससुराल ससुरजी के पास रहना पड़ा. उस दौरान मेरी बढ़ती प्यास की वजह से मेरा रिश्ता ससुरजी के साथ और भी गहरा होता चला.एक दिन मैं रसोईघर में चावल बीन रही थी. इतने में ससुरजी आए और किवाड़ की कुंडी लगाकर मुझे अपने बाहों में भर लिया. वो मेरे होंठ चुमने लगे. मैं कामसुख की प्यासी! भला मैं खुद को कैसे रोक पाती? मैं भी उनके साथ कामवासना में बहती चली गई.
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